हद्वय में छवि श्याम की उतार ले। बस यही योग है यही ध्यान है जान ले बात मान ले ओ……. बात मान ले।।

दीदार करो दिलबर का, श्रृंगार करो दिल-मन का इत्र इसपे लगेगी स्वांसे तेरी महकेगी भजनों का प्यासा श्याम है ये जान ले

बात मान ले ओ.

बात मान ले ।।

1…….

गुणगान करे जा इसका, भंडार भरेगा ये तेरा नित प्रेम करे जो इससे प्रेम करेगा ये उससे प्रेमी के संग चलता है दिन-रात ये बात मान ले ओ.

बात मान ले।।

जैसा भी तु चाहेगा, वैसा ही ये करेगा बस श्याम प्रेम में मन से श्रद्धा के भाव जगा ले श्रद्धा की ज्योत नित तु जगाए ले

बात मान ले ओ.. बात मान ले ।।

3……

ऐसा दिलदार मिला है अब भी क्या सोच रहा है “धीरज” सब चिंता मिटे माथा जब पैंसठ टिके मस्ती में आए खिला दे मन का बाग ये बात मान ले ओ.

बात मान ले ।।

4…….

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