कैलाशपति तज कैलाश डमरू लिए जाए। देख सभी गण समझ न पाए कहां को नाथ जाए।।
जटाजुट भस्मी रंगाए बाघम्बर तन लिपटे मुण्डन माला सर्पन हार कुण्डल चम-चम चमके त्रिभुवन के सब देवी-देव देख-देख हर्षाए भोले बम बम बम भोले बम बम बम… 1…….
भागत भागत गण नंदी कछु भी समझ न पाए मां गोरा के पास जाए शिव शंकर अर्ज लगाए मुझे बना दो गोपी देवी श्याम रास रचाए भोले बम बम बम भोले बम बम बम… 2…….
चकित चौंध गोरा बोली स्वामी यहां क्यों आए देख डरेंगी सारी गोपियां रूप जो ऐसा दिखाए सिवाय श्याम के कोई भी नर प्रवेश यहां न पाए
भोले बम बम बम भोले बम बम बम…
3……
मुझे बना दो गोपी देवी बांध कसुमल साड़ी माथे टीकी गले में कंठी कंचन कंगन पहना दो शिव को गोपी बनाए गोरा छम-छम पायल बाजे
भोले बम बम बम भोले बम बम बम…
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बंशीधर मधुर की तान मधुर-मधुर बजाए रसभरी तान सुन भोले नटराज नाचण लागे खिसकी साड़ी दिखी जटा देख कान्हा मुसकाए भोले बम बम बम भोले बम बम बम…
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कैलाशपति बन गोपेश्वर तब से वृंदावन आए महारास की अनुपम लीला हमें भी कभी दिखा दे “धीरज” बोले बाबा से अर्ज यही लगाए
भोले बम बम बम भोले बम बम बम… 6…..