यारी तेरी श्याम से घबराए क्यों। सोचो अब तक सांवरा नहीं आया क्यों।। भाव बिन सांवरा न आएगा। भाव से बिन मोल ये बिक जाएगा।।
बिन भाव ये ना आए, दिखावा इसे न भावे श्रद्धा से कोई बुलाए, नंगे पांव दौड़ा आवे प्रेम का भूखा है भाव बिन सांवरा न आएगा ।।…
चाहे इत्र खूब छिड़कादे, दरबार बड़ा लगा ले चाहे छप्पन भोग चढ़ा दे, प्रवाहक बड़े बुला ले श्याम ना रिझेगा भाव बिन सांवरा न आएगा ।। 2….
गजरे बड़े मंगा दे, मेवा मिष्ठान मंगा ले बिन भाव इसे न भाए, चाहे छत्र चढ़ा दे अह्म न सुहाएगा भाव बिन सांवरा न आएगा ।। 3…….
दिल से इसे बुला ले, हद्वय में प्रेम जगा ले श्रद्धा मन में जगा के, भक्ति की ज्योत जगा ले प्रेम का भूखा है भाव बिन सांवरा न आएगा।। 4…..
सबरी सा प्रेम बढ़ा ले, विदुराणी सा भाव जगा ले मीरा सा नाच दिखा दे, कर्मा सा भोग बना ले “धीरज” मतवाला है।।5……